REET Notes Kaise Banaye: Best Strategy for REET Exam Preparation in Hindi

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REET Notes Kaise Banaye

REET Notes Kaise Banaye यह सवाल लगभग हर उस अभ्यर्थी के मन में आता है जो REET (Rajasthan Eligibility Examination for Teachers) के माध्यम से राजस्थान में शिक्षक बनना चाहता है। REET परीक्षा को राज्य की सबसे महत्वपूर्ण शिक्षक पात्रता परीक्षाओं में माना जाता है। हर साल हजारों उम्मीदवार इस परीक्षा की तैयारी करते हैं ताकि वे सरकारी स्कूलों में अध्यापक बनकर एक सुरक्षित और सम्मानजनक करियर बना सकें। लेकिन इस परीक्षा में सफलता केवल मेहनत से नहीं, बल्कि सही रणनीति और योजनाबद्ध तैयारी से मिलती है।

REET परीक्षा की तैयारी के दौरान छात्रों को बार-बार पूरे सिलेबस को दोहराने में कठिनाई होती है और कई महत्वपूर्ण टॉपिक भूल जाने की समस्या भी सामने आती है। इसी कारण यह समझना जरूरी हो जाता है कि REET Notes Kaise Banaye, ताकि पढ़ाई आसान और प्रभावी बन सके। अच्छे नोट्स केवल लिखे हुए पन्ने नहीं होते, बल्कि आपकी पूरी तैयारी का सार होते हैं। सही तरीके से बनाए गए नोट्स की मदद से उम्मीदवार कम समय में पूरा सिलेबस रिवाइज कर सकते हैं और परीक्षा में आत्मविश्वास के साथ बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

Table Of Content

अब आइए परिचय के तहत तीन छोटे-छोटे सब-पॉइंट्स को समझते हैं:

(a) REET परीक्षा का महत्व

REET सिर्फ एक एग्जाम नहीं, बल्कि हजारों युवाओं के लिए शिक्षक बनने का सपना है। इस परीक्षा को पास करके न केवल सरकारी नौकरी मिलती है, बल्कि समाज में सम्मान और स्थिर करियर भी मिलता है। इसलिए इसकी तैयारी को गंभीरता से लेना जरूरी है।

(b) नोट्स बनाने की जरूरत क्यों होती है?

सिलेबस बहुत बड़ा है और हर विषय में ढेर सारे टॉपिक हैं। अगर आप बिना नोट्स के पढ़ाई करेंगे तो बार-बार किताबों में खोजने में समय बर्बाद होगा। लेकिन जब आपके पास अपने बनाए हुए छोटे और आसान नोट्स होंगे, तो आप कुछ ही घंटों में पूरा सिलेबस दोहरा सकते हैं।

(c) बिना नोट्स पढ़ाई करने और नोट्स के साथ पढ़ाई करने का फर्क

बिना नोट्स पढ़ाई करने पर तैयारी बिखरी हुई रहती है और दिमाग बार-बार भटकता है। जबकि अच्छे नोट्स आपकी पढ़ाई को सिस्टमैटिक और फोकस्ड बना देते हैं। नोट्स से पढ़ाई करने वाला छात्र परीक्षा में आत्मविश्वास से भर जाता है और समय का सही इस्तेमाल कर पाता है।

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नोट्स बनाने के फायदे

REET जैसी बड़ी परीक्षा में सफलता पाने के लिए सिर्फ पढ़ाई करना काफी नहीं है, बल्कि उसे सही तरीके से मैनेज करना भी जरूरी है। नोट्स बनाना तैयारी का वह तरीका है जो आपकी मेहनत को आसान और प्रभावी बनाता है। बहुत से छात्र केवल किताबों और गाइड से पढ़ाई करते रहते हैं, लेकिन एग्जाम नजदीक आने पर उन्हें समझ नहीं आता कि जल्दी से कैसे दोहराएँ। वहीं, जिन छात्रों के पास खुद के बनाए नोट्स होते हैं, वे कम समय में ज्यादा और बेहतर रिवीजन कर पाते हैं। नोट्स बनाना केवल लिखने का काम नहीं बल्कि यह आपकी पढ़ाई को संक्षिप्त, सटीक और यादगार बनाने की कला है।

(a) जल्दी रिवीजन करना आसान

नोट्स का सबसे बड़ा फायदा यह है कि एग्जाम से पहले आपको किताबों के ढेर नहीं खंगालने पड़ते। आपकी कॉपी या फाइल में सभी जरूरी बातें पहले से ही पॉइंट्स में लिखी होती हैं। इससे आप कुछ ही घंटों में पूरे सिलेबस को दोहरा सकते हैं। यह खास तौर पर तब मददगार होता है जब परीक्षा में सिर्फ कुछ दिन बचे हों।

(b) लंबे समय तक याद रहना

जब आप खुद लिखकर पढ़ाई करते हैं तो वह बातें दिमाग में ज्यादा समय तक रहती हैं। यह वैज्ञानिक रूप से भी साबित है कि लिखी हुई जानकारी को हमारा मस्तिष्क जल्दी और लंबे समय तक याद रखता है। इसलिए जो छात्र नोट्स बनाते हैं, उन्हें रटने की जरूरत कम पड़ती है।

(c) आत्मविश्वास बढ़ना

अच्छे नोट्स आपके आत्मविश्वास को भी बढ़ाते हैं। जब आपके पास साफ-सुथरे और व्यवस्थित नोट्स होते हैं तो आपको लगता है कि आपकी तैयारी सही दिशा में जा रही है। यह आत्मविश्वास परीक्षा हॉल में भी आपके प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।

REET सिलेबस समझना – पहला कदम

REET की तैयारी शुरू करने से पहले सबसे ज़रूरी चीज है कि आप उसका पूरा सिलेबस अच्छे से समझ लें। अक्सर छात्र बिना सिलेबस देखे सीधे किताबें या कोचिंग नोट्स पढ़ना शुरू कर देते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि वे समय तो बहुत लगाते हैं लेकिन परीक्षा में पूछे जाने वाले टॉपिक को सही से कवर नहीं कर पाते। अगर आप शुरुआत में ही सिलेबस पर ध्यान देंगे तो आपकी पढ़ाई फोकस्ड, समय बचाने वाली और रिजल्ट ओरिएंटेड होगी। सिलेबस को समझना ऐसा है जैसे किसी यात्रा पर निकलने से पहले नक्शा देख लेना। नक्शा होगा तो आप सही रास्ते पर चलेंगे और मंज़िल पर जल्दी पहुँचेंगे।

(a) सिलेबस को अच्छे से पढ़ें

REET का सिलेबस राजस्थान बोर्ड द्वारा जारी किया जाता है। इसमें लेवल 1 और लेवल 2 के लिए अलग-अलग विषय और टॉपिक्स दिए जाते हैं। सबसे पहले आपको ऑफिशियल नोटिफिकेशन से पूरा सिलेबस डाउनलोड करना चाहिए और एक-एक लाइन पढ़कर समझना चाहिए कि किन विषयों से कितने प्रश्न आते हैं।

(b) विषयवार टॉपिक लिस्ट बनाएं

सिलेबस को समझने के बाद आपको हर विषय का अलग-अलग टॉपिक नोट करना चाहिए। जैसे बाल विकास, हिंदी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण अध्ययन और राजस्थान जीके। जब आपके पास एक क्लियर लिस्ट होगी तो आपको यह तय करने में आसानी होगी कि किन टॉपिक्स पर ज्यादा मेहनत करनी है।

(c) जरूरी और कठिन टॉपिक्स को अलग करें

हर छात्र के लिए कुछ टॉपिक आसान होते हैं और कुछ कठिन। सिलेबस पढ़ते समय ही आप मार्क कर लें कि कौन-सा टॉपिक आपके लिए चुनौतीपूर्ण है और कौन-सा आसान। इससे आप अपनी तैयारी की प्राथमिकता तय कर पाएँगे। कठिन टॉपिक पर ज्यादा समय दें और आसान टॉपिक को रिवीजन के लिए रखें।

REET Notes Kaise Banaye : अच्छे नोट्स की खासियत

REET जैसी प्रतियोगी परीक्षा में सिर्फ नोट्स बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि अच्छे नोट्स बनाना जरूरी है। अच्छे नोट्स वे होते हैं जो पढ़ते ही तुरंत समझ आ जाएं, जिनसे बिना ज्यादा समय लगाए पूरा टॉपिक दोहराया जा सके। जब नोट्स सटीक, छोटे और व्यवस्थित होते हैं तो वे आपकी तैयारी को दोगुना आसान बना देते हैं। वहीं, अगर नोट्स लंबे और बिखरे हुए हों तो वे किताब से ज्यादा अलग नहीं लगते। इसलिए हर छात्र को यह समझना जरूरी है कि अच्छे नोट्स की पहचान क्या होती है।

(a) छोटे और आसान वाक्य

नोट्स हमेशा छोटे वाक्यों में होने चाहिए। लंबे पैराग्राफ को कॉपी करने से कोई फायदा नहीं होता। कोशिश करें कि हर जानकारी को सरल भाषा में 5–6 शब्दों के वाक्य में लिखें। इससे पढ़ते समय ज्यादा देर तक रुकना नहीं पड़ेगा और जल्दी याद भी होगा।

(b) पॉइंट्स और बुलेट्स में लिखा हुआ

नोट्स हमेशा पॉइंट्स में लिखें। बुलेट्स या नंबरिंग का इस्तेमाल करने से टॉपिक क्लियर और व्यवस्थित रहता है। यह तरीका परीक्षा से पहले फटाफट रिवीजन के लिए सबसे बेहतर है।

(c) टेबल, चार्ट और डायग्राम का इस्तेमाल

कई बार सिर्फ लिखने से बातें दिमाग में नहीं बैठतीं। अगर आप टेबल, फ्लोचार्ट या डायग्राम का इस्तेमाल करेंगे तो वही जानकारी आकर्षक और जल्दी याद होने लायक बन जाएगी। जैसे गणित के फॉर्मूले या राजस्थान GK के तथ्य।

(d) रंगों और हाइलाइट का प्रयोग

अच्छे नोट्स में हाइलाइटर या अलग-अलग रंगों के पेन का उपयोग करना चाहिए। इससे महत्वपूर्ण बातें बाकी से अलग दिखती हैं और रिवीजन के समय नजर तुरंत उन्हीं पर जाती है।

नोट्स बनाने के तरीके

REET परीक्षा की तैयारी में नोट्स बनाना जरूरी तो है, लेकिन हर छात्र यह सोचकर उलझन में पड़ जाता है कि आखिर नोट्स बनाए कैसे जाएँ? सिलेबस बड़ा होता है और समय भी सीमित, ऐसे में सही तरीका अपनाना बेहद जरूरी है। नोट्स बनाने का मुख्य उद्देश्य होता है पढ़ाई को आसान और रिवीजन को तेज़ करना। इसलिए ऐसे तरीके अपनाने चाहिए जिनसे समय भी बचे और जानकारी भी सटीक तरीके से लिखी जा सके। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

(a) क्लासरूम/कोचिंग नोट्स

अगर आप कोचिंग करते हैं या ऑनलाइन क्लास अटेंड करते हैं तो वहाँ बताए गए महत्वपूर्ण पॉइंट्स को अपने शब्दों में लिखना सबसे अच्छा तरीका है। कई बार छात्र शिक्षक की हर लाइन कॉपी कर लेते हैं, लेकिन यह सही नहीं है। कोशिश करें कि सुनकर अपनी भाषा में लिखें, इससे बातें ज्यादा देर तक याद रहेंगी। साथ ही, टीचर द्वारा बताए गए शॉर्टकट्स और ट्रिक्स को भी नोट्स में जरूर शामिल करें।

(b) बुक बेस्ड नोट्स

किताबों और गाइड से पढ़ते समय पूरा पैराग्राफ कॉपी न करें। हर चैप्टर का सिर्फ सारांश लिखें। महत्वपूर्ण परिभाषाएँ (Definitions), सूत्र (Formulas), और मुख्य तथ्यों को छोटे-छोटे पॉइंट्स में लिखें। इससे किताबों की बार-बार जरूरत नहीं पड़ेगी और परीक्षा से पहले सब कुछ आपके नोट्स में ही मिलेगा।

(c) ऑनलाइन नोट्स

आजकल बहुत से छात्र डिजिटल नोट्स बनाना पसंद करते हैं। इसके लिए आप लैपटॉप, मोबाइल या टैबलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। Google Docs या OneNote जैसे टूल्स में आप अपने नोट्स टॉपिक-वाइज सेव कर सकते हैं। डिजिटल नोट्स का फायदा यह है कि आप उन्हें कभी भी एडिट कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर जल्दी सर्च भी कर सकते हैं।

विषयवार नोट्स कैसे बनाएं?

REET परीक्षा का सिलेबस कई विषयों में बँटा होता है, जैसे – बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र, हिंदी भाषा, अंग्रेजी भाषा, गणित, पर्यावरण अध्ययन (EVS) और राजस्थान सामान्य ज्ञान। हर विषय की अपनी खासियत और कठिनाई होती है। अगर आप सभी विषयों के लिए एक जैसा नोट्स बनाने की कोशिश करेंगे तो वह उतना असरदार नहीं होगा। इसलिए सबसे बेहतर तरीका है कि हर विषय के हिसाब से अलग रणनीति बनाकर नोट्स तैयार करें। इससे पढ़ाई संतुलित रहेगी और हर टॉपिक अच्छे से कवर होगा।

(a) बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र (Pedagogy)

इस विषय में सिद्धांत, मनोवैज्ञानिक और शिक्षा से जुड़े नियम पूछे जाते हैं। यहाँ छोटे-छोटे नोट्स बनाना सबसे जरूरी है। जैसे – पियाजे का सिद्धांत, कोहलबर्ग का नैतिक विकास, आदि। इनको बिंदुवार और उदाहरण सहित लिखें। छोटे केस स्टडी या उदाहरण जोड़ने से समझ और पक्की होगी।

(b) भाषा (हिंदी और अंग्रेजी)

हिंदी में व्याकरण, मुहावरे, लोकोक्तियाँ और पाठ्यक्रम से जुड़े सवाल आते हैं। इनके लिए लिस्ट बनाकर नोट्स बनाएँ। अंग्रेजी में Grammar Rules (Tenses, Prepositions), Vocabulary Words और Common Errors पर खास ध्यान दें। नोट्स में “Error List” और “Vocabulary Flashcards” अलग से लिखें।

(c) गणित

गणित के नोट्स सबसे आसान और छोटे होने चाहिए। हर चैप्टर से जुड़े फॉर्मूले और शॉर्टकट ट्रिक्स एक जगह इकट्ठा करें। उदाहरण के तौर पर – “Percentage के फॉर्मूले”, “LCM/HCF ट्रिक्स”, “Time-Speed-Distance शॉर्टकट” आदि। साथ ही कुछ हल किए हुए प्रश्न भी नोट्स में शामिल करें।

(d) EVS और राजस्थान GK

EVS के लिए टेबल और डायग्राम सबसे बेहतर रहते हैं। जैसे – पौधों के प्रकार, मानव शरीर के अंग, पर्यावरणीय चक्र आदि। राजस्थान GK में तिथियाँ, ऐतिहासिक घटनाएँ, त्यौहार और भूगोल के तथ्य छोटे बिंदुओं में लिखें। मैप का प्रयोग करने से याद करना आसान हो जाएगा।

नोट्स को कैसे व्यवस्थित रखें?

REET परीक्षा की तैयारी में सिर्फ नोट्स बनाना ही काफी नहीं है, उन्हें सही तरीके से व्यवस्थित रखना भी उतना ही जरूरी है। कई बार छात्र मेहनत तो खूब करते हैं, लेकिन उनके नोट्स इतने बिखरे होते हैं कि जब रिवीजन का समय आता है तो उन्हें समझ नहीं आता कि कौन-सा टॉपिक कहाँ लिखा है। ऐसे में सारी मेहनत बेकार हो जाती है। अगर आप शुरुआत से ही नोट्स को व्यवस्थित करेंगे तो पढ़ाई आसान होगी और परीक्षा से पहले आपको समय भी बचेगा।

(a) अलग-अलग कॉपी या फाइल बनाना

हर विषय के लिए अलग कॉपी या फाइल बनाना सबसे जरूरी है। जैसे – एक कॉपी Pedagogy की, एक हिंदी की, एक गणित की और इसी तरह अन्य विषयों की। इससे जब भी आपको किसी एक विषय की तैयारी करनी होगी तो पूरा कंटेंट एक ही जगह मिल जाएगा और खोजने में समय बर्बाद नहीं होगा।

(b) टॉपिक-वाइज Index रखना

आपकी कॉपी या फाइल में Index होना बहुत जरूरी है। शुरुआत के पन्नों पर लिखें कि किस टॉपिक के नोट्स किस पेज पर हैं। जैसे – “पियाजे का सिद्धांत – पेज 12”, “टेंस – पेज 24″। इससे तुरंत पन्ना खोलकर पढ़ना आसान हो जाएगा।

(c) रंगीन पेन/हाइलाइटर का उपयोग

महत्वपूर्ण जानकारी को हमेशा अलग रंग से लिखें या हाइलाइट करें। जैसे – परिभाषा को नीले रंग से, फॉर्मूले को हरे रंग से और खास तथ्य को लाल रंग से। इससे रिवीजन के दौरान आपकी नजर सीधे उसी पॉइंट पर जाएगी जो जरूरी है।

(d) नोट्स को साफ-सुथरा रखना

अगर आपके नोट्स गंदे, अधूरे या जल्दी-जल्दी लिखे हुए होंगे तो पढ़ाई में मन नहीं लगेगा। कोशिश करें कि लिखावट साफ हो और हर टॉपिक एकदम व्यवस्थित तरीके से लिखा हो।

डिजिटल vs हाथ से लिखे नोट्स

REET की तैयारी करने वाले छात्रों के सामने अक्सर यह सवाल आता है कि उन्हें नोट्स हाथ से लिखकर बनाने चाहिए या फिर मोबाइल/लैपटॉप पर डिजिटल नोट्स तैयार करने चाहिए। दोनों तरीकों के अपने फायदे और सीमाएँ हैं। अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो दोनों ही उपयोगी हो सकते हैं। फर्क बस इतना है कि आपको अपनी सुविधा और आदत के हिसाब से इनमें से एक तरीका चुनना होगा।

(a) डिजिटल नोट्स के फायदे और नुकसान

डिजिटल नोट्स आजकल बहुत लोकप्रिय हो गए हैं क्योंकि इन्हें मोबाइल, लैपटॉप या टैबलेट पर कहीं भी और कभी भी पढ़ा जा सकता है। इनका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इन्हें आसानी से एडिट किया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर इंटरनेट से जानकारी जोड़कर अपडेट भी किया जा सकता है। साथ ही, Google Docs या OneNote जैसे टूल्स में आप टॉपिक-वाइज नोट्स सेव कर सकते हैं और Search ऑप्शन से तुरंत जानकारी निकाल सकते हैं।
हालाँकि, इसका एक नुकसान यह है कि स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से आँखों पर असर पड़ता है और पढ़ाई में ध्यान भटक सकता है। साथ ही, बिजली या इंटरनेट की समस्या होने पर यह तरीका असुविधाजनक हो सकता है।

(b) हाथ से लिखे नोट्स के फायदे और नुकसान

हाथ से लिखे नोट्स बनाने का फायदा यह है कि लिखने के दौरान दिमाग जानकारी को बेहतर तरीके से याद रखता है। रिसर्च से भी यह साबित हुआ है कि जो बातें हम हाथ से लिखते हैं वे दिमाग में ज्यादा समय तक रहती हैं। इसके अलावा, हाथ से बनाए गए नोट्स को पढ़ना और रिवाइज करना भी आसान होता है क्योंकि उनमें आपकी खुद की लिखावट और सोच शामिल होती है।
नुकसान यह है कि इन्हें बनाने में समय ज्यादा लगता है और अगर नोट्स बहुत लंबे हो जाएँ तो बार-बार पढ़ने में परेशानी हो सकती है।

सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप दोनों का मिश्रण अपनाएँ – कठिन और याद रखने वाली चीजें हाथ से लिखें और बाकी सामग्री डिजिटल रूप में सेव रखें।

नोट्स रिवीजन का सही तरीका

REET की तैयारी में सिर्फ नोट्स बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि उन्हें सही समय पर और सही तरीके से रिवाइज करना भी उतना ही जरूरी है। कई छात्र अच्छे नोट्स बना लेते हैं, लेकिन जब उन्हें दोहराने का समय आता है तो वे या तो उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं या फिर एक बार ही पढ़कर छोड़ देते हैं। असल में, सफलता की कुंजी निरंतर और योजनाबद्ध रिवीजन में छिपी होती है। अगर आपने सही तरीके से रिवीजन की आदत डाल ली, तो आप परीक्षा हॉल में आत्मविश्वास के साथ बैठेंगे और छोटे-छोटे सवाल भी आसानी से हल कर पाएंगे।

(a) हर हफ्ते पुराना नोट्स देखना

रीविजन का सबसे आसान तरीका यह है कि हफ्ते में कम से कम एक दिन पुराना पढ़ा हुआ टॉपिक जरूर दोहराएँ। इससे टॉपिक्स दिमाग में ताज़ा बने रहते हैं और भूलने की संभावना कम होती है।

(b) परीक्षा से पहले केवल नोट्स से दोहराना

परीक्षा नजदीक आते ही आपको किताबों से पढ़ाई छोड़कर सिर्फ अपने बनाए हुए नोट्स पर भरोसा करना चाहिए। क्योंकि आखिरी दिनों में किताबें पढ़ने से दिमाग और ज्यादा उलझ जाता है, जबकि नोट्स से पढ़ाई करने पर सब कुछ छोटे और साफ तरीके से याद हो जाता है।

(c) फास्ट रिवीजन ट्रिक्स

रिवीजन करते समय हाइलाइट किए गए पॉइंट्स, शॉर्टकट ट्रिक्स और टेबल/चार्ट पर ज्यादा फोकस करें। उदाहरण के तौर पर, गणित के फॉर्मूलों की लिस्ट रोज़ 10 मिनट के लिए दोहराएँ। इसी तरह हिंदी और अंग्रेजी के व्याकरण नियमों को “Error List” से जल्दी रिवाइज किया जा सकता है।

सही तरीके से किया गया रिवीजन आपकी तैयारी को 100% मजबूत बना देता है। याद रखिए, “बिना रिवीजन की पढ़ाई आधी अधूरी होती है।”

आम गलतियाँ जिनसे बचना चाहिए

REET की तैयारी में नोट्स बनाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है गलतियों से बचना। कई बार छात्र मेहनत तो बहुत करते हैं, लेकिन नोट्स बनाने के दौरान की गई कुछ छोटी-छोटी गलतियाँ उनकी पूरी तैयारी को कमजोर बना देती हैं। अगर इन गलतियों को समय रहते पहचानकर रोका जाए, तो तैयारी और भी प्रभावी हो सकती है। इसलिए हर छात्र को यह जानना चाहिए कि नोट्स बनाते समय कौन-सी गलतियाँ सबसे ज्यादा की जाती हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।

(a) बहुत लंबा नोट्स लिखना

कई छात्र सोचते हैं कि जितना ज्यादा लिखेंगे, उतना बेहतर होगा। लेकिन सच यह है कि बहुत लंबे नोट्स बनाने से वे किताब जैसी कॉपी तैयार कर लेते हैं। ऐसे नोट्स का फायदा कम और बोझ ज्यादा होता है। बेहतर है कि नोट्स हमेशा छोटे और सारगर्भित बनाए जाएँ।

(b) केवल कॉपी करने की आदत

अक्सर देखा गया है कि छात्र किताबों से सीधा कॉपी करके नोट्स बना लेते हैं। यह तरीका सही नहीं है क्योंकि इसमें आपकी अपनी समझ शामिल नहीं होती। नोट्स हमेशा अपनी भाषा में लिखें ताकि पढ़ते समय तुरंत समझ आए।

(c) टॉपिक को समझे बिना लिखना

कई बार समय बचाने के चक्कर में छात्र टॉपिक को समझे बिना जल्दी-जल्दी लिख देते हैं। नतीजा यह होता है कि बाद में वे खुद भी अपने नोट्स को समझ नहीं पाते। इसलिए नोट्स बनाने से पहले टॉपिक को अच्छे से पढ़ें और फिर अपने शब्दों में लिखें।

अगर आप इन गलतियों से बचेंगे तो आपके नोट्स छोटे, असरदार और यादगार बनेंगे। और यही अच्छे नोट्स की सबसे बड़ी पहचान है।

एक्सपर्ट्स की सलाह

REET की तैयारी में नोट्स बनाने को लेकर टॉपर्स और एक्सपर्ट्स हमेशा खास सुझाव देते हैं। उनका मानना है कि जो छात्र सिर्फ पढ़ाई करते हैं और नोट्स नहीं बनाते, वे परीक्षा से पहले अक्सर उलझन में पड़ जाते हैं। वहीं, जिनके पास अच्छे और व्यवस्थित नोट्स होते हैं, वे न केवल आत्मविश्वास से भरे रहते हैं बल्कि परीक्षा में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट्स और सफल छात्रों की राय में नोट्स बनाने के कौन से तरीके सबसे असरदार हैं।

(a) टॉपर्स कैसे नोट्स बनाते हैं

REET के टॉपर्स का मानना है कि नोट्स हमेशा छोटे और सीधे-सपाट होने चाहिए। वे कहते हैं कि “कम लिखो लेकिन सही लिखो।” टॉपर्स अपने नोट्स में केवल जरूरी बातें लिखते हैं, बाकी सबको छोड़ देते हैं। जैसे – गणित में सिर्फ फॉर्मूले और शॉर्टकट ट्रिक्स, हिंदी में सिर्फ नियम और उदाहरण, GK में केवल तिथियाँ और प्रमुख घटनाएँ। इससे उनके नोट्स मोटे नहीं बल्कि हल्के और प्रभावी बनते हैं।

(b) सफल छात्रों के नोट्स बनाने की तकनीक

कई सफल अभ्यर्थियों ने बताया कि वे हर टॉपिक को पढ़ने के बाद उसका माइंड-मैप बनाते थे। यानी किसी टॉपिक को बीच में लिखकर उसके चारों ओर उससे जुड़ी बातें छोटे-छोटे बिंदुओं में लिखना। इससे पूरा टॉपिक एक पन्ने में आ जाता है और रिवीजन बेहद आसान हो जाता है।

(c) “Less is More” का फॉर्मूला

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नोट्स जितने छोटे होंगे, उतने ही ज्यादा असरदार होंगे। परीक्षा से पहले आपको पन्नों के ढेर नहीं बल्कि कुछ ही पन्नों में पूरा सिलेबस दिखना चाहिए। इसलिए नोट्स बनाने में हमेशा “Less is More” का फॉर्मूला अपनाएँ।

निष्कर्ष

REET परीक्षा की तैयारी हर साल लाखों विद्यार्थी करते हैं, लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जिनकी रणनीति सही होती है। इस पूरी तैयारी यात्रा में नोट्स बनाना सबसे बड़ा सहारा होता है। अच्छे नोट्स आपके लिए एक तरह से “तैयारी का हथियार” हैं, जिनकी मदद से आप कम समय में ज्यादा सिलेबस दोहरा सकते हैं और आत्मविश्वास के साथ परीक्षा में बैठ सकते हैं।

नोट्स बनाने के फायदे कई हैं – ये आपकी याददाश्त को मजबूत करते हैं, रिवीजन को आसान बनाते हैं और पढ़ाई को व्यवस्थित कर देते हैं। जब आप सिलेबस समझकर, विषयवार और पॉइंट्स में नोट्स तैयार करते हैं तो आपकी पढ़ाई बिखरती नहीं है। साथ ही, एक्सपर्ट्स की सलाह भी यही कहती है कि कम लेकिन असरदार नोट्स बनाइए, ताकि आखिरी समय में पूरा सिलेबस आपकी एक कॉपी या फाइल में समा जाए।

आजकल डिजिटल टूल्स भी नोट्स बनाने में मदद करते हैं, लेकिन हाथ से लिखे नोट्स की अहमियत हमेशा ज्यादा रहती है। क्योंकि हाथ से लिखने पर आपका दिमाग उस जानकारी को और गहराई से याद रखता है। यही कारण है कि टॉपर्स और सफल छात्र नोट्स बनाने को अपनी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ मानते हैं।

अंत में यही कहा जा सकता है कि REET जैसी कठिन परीक्षा में सफलता पाने के लिए स्मार्ट वर्क और रिवीजन बेहद जरूरी है। और यह तभी संभव है जब आपके पास साफ-सुथरे, छोटे और सारगर्भित नोट्स हों। इसलिए अगर आप REET में सफल होना चाहते हैं, तो आज से ही अच्छी तरह नोट्स बनाने की आदत डाल लीजिए। यही आदत आपको मंज़िल तक पहुँचाएगी।

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