Anekarthi Shabd | अनेकार्थी शब्द | Anekarthi Shabd in Hindi

Updated August 4, 2023 by Sarkarijobify Team

अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

Anekarthi Shabd

अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd) से आशय ऐसे शब्दों से है जिसके एक से अधिक अर्थ निकलते हो अर्थात कहने का तात्पर्य यह है कि ऐसे शब्द जिनके अनेक अर्थ हो, अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd) कहलाते हैं I अनेकार्थी का अर्थ है – एक से अधिक अर्थ देने वाला।

अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd) ऐसे शब्द होते हैं जो अलग-अलग अवसर पर अलग-अलग वाक्य के साथ जुड़कर उनका अलग अर्थ बनाते हैं।  हमने यहां स्कूली व प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से कुछ महत्वपूर्ण और अक्सर परीक्षा में पूछे जाने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd) की सारणी नीचे दी है, जिसे पढ़कर आप अपनी आगामी परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी को ओर अधिक मजबूत बना सकते हैं।

'अ' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

अंक = चिह्न, स्थान, अध्याय, देह, गोद, गिनती के अंक, भाग्य ।
अंध = मतांध, चमगादड़, अंधविश्वासी, उल्लू, अंधा ।
अंबर = वस्त्र, आकाश ।
अकिंचन = दरिद्र, अपरिग्रही, कर्मशून्य ।
अक्ष = सर्प, आत्मा, आँख, चौसर के पासे, पहिया, पहिए की धुरी, सूर्य ।
अक्षत = धान्य, हिजड़ा, जौ, समूचा, अखंडित चावल, लावा, क्षतहीन, कल्याण ।
अक्षर = धर्म, वर्ण, सत्य, अविनाशी, ब्रह्म, गगन ।
अज = जीव, बकरा, ब्रह्मा, दशरथ के पिता का नाम ।
अतिथि = यात्री, कुश का बेटा, साधु, मेहमान, यज्ञ में सोमलता लानेवाला ।
अधर = मध्य, शून्य, होंठ, नीचा ।
अनंत = शेषनाग, आकाश, विष्णु ।
अनध = शोकहीन, अर्जुन, सुंदर, पापहीन ।
अपवाद = कलंक, नियम के विरुद्ध ।
अपेक्षा = बनिस्बत, आवश्यकता, इच्छा, आशा ।
अब्ज = शंख, कमल, चंद्रमा, कपूर, धन्वंतरि ।
अभ्र = कपूर, आकाश, मेघ ।
अमृत = स्वर्ण, पारा, घृत, जल, दूध ।
अरुण = सूर्य, लाल, सूर्य का सारथी ।
अर्क = आक, सूर्य, विष्णु, स्फटिक, आक, चिंगारी, इंद्र, रविवार, अग्नि, मंदार, चमक ।
अर्थ = लिए, प्रयोजन, धन, कारण ।
अवतंस = थाली, दूल्हा, टीका, श्रेष्ठ, व्यक्ति, भूषण, मुकुट ।
अवली = शृंखला, पूर्ण स्वरग्राम, समूह ।
अहि = कष्ट, राहू, एक वर्ण वृत्त, नाभि, साँप ।

'आ' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

आत्मा = देह, जीवात्मा, पत्र, वायु, बुद्धि, ब्रह्मा ।
आदित्य = वरुण, सविता, मदार, देव, विष्णु, विष्णु का वामन अवतार, 12 की संख्या, सूर्य, भग, मित्र ।
आपत्ति = एतराज़, विपत्ति ।
आम = आँव (अधपका भोजन), सर्वसाधारण, आम का फल, मामूली ।

'इ' व 'ई' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

इंदु = कपूर, चंद्रमा ।
इला = भूमि, गाय, वैवस्वत मनु की कन्या, सरस्वती, बुध की पत्नी और पुरुरवा की माता ।
ईश्वर = धनिक, समर्थ, प्रभु, स्वामी ।

'इ' व 'ई' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

इंदु = कपूर, चंद्रमा ।
इला = भूमि, गाय, वैवस्वत मनु की कन्या, सरस्वती, बुध की पत्नी और पुरुरवा की माता ।
ईश्वर = धनिक, समर्थ, प्रभु, स्वामी ।

'उ' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

उत्तर = बदला, जवाब,उत्तर दिशा, पश्चात्ताप ।

'ऋ' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

ऋक्ष = रैवतक पर्वत का एक अंश, भालू, नक्षत्र, शौनक वृक्ष ।
ऋत = मोक्ष, यज्ञ, वृत्ति-विशेष, आदित्य, सत्य ।

'क' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

कंक = क्षत्रिय, चील, युधिष्ठिर का छद्म नाम, सफ़ेद, यम ।
कंज = केश, ब्रह्मा, कमल, अमृत ।
कनक = पलाश, धतूरा, वृक्ष, सोना, गेहूँ ।
कर = टैक्स, किरण, हाथ, सूँड़ ।
कर्ण = समकोण, कान, त्रिभुज में सबसे बड़ी भुजा, कुंती-पुत्र, पतवार ।
कल = पुर्ज़ा, कार्य करने का कौशल, सुंदर, मधुर ध्वनि, अंश, बीता हुआ दिन, चैन या शांति ।
कला = गुण, अंश, चंद्रमा का सोलहवाँ भाग ।
काल = शिव, मुहूर्त, युग, समय, अवसर ।
कुंभ = हाथी का मस्तक, घड़ा ।
कुशल = ख़ैरियत, चतुर ।
कूट = पर्वत, छल-कपट, शिखर, काग़ज़ ।
कृष्ण = अंधकार, काला, वासुदेव-पुत्र, कौआ ।
केतु = एक ग्रह, निशान, चमक, ज्ञान, ध्वजा ।
केश = किरण, विष्णु, बाल, विश्व ।
केसरी = वानर, प्रसिद्ध व्यक्ति, उत्तम वस्तु, सिंह, रोमल, गेरुआ, घोड़ा ।
कोट = रंग, गढ़, चढ़ाने की प्रक्रिया, पहनने का वस्त्र, परकोटा ।
कोटि = श्रेणी, करोड़, धनुष का सिरा ।
क्रिया = व्यवहार, व्यापार, श्राद्ध, कार्य, उपाय ।

'ख' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

खग = चंद्रमा, ग्रह, सूर्य, वायु, बादल, देवता, पक्षी, बाण ।
खर = तीक्ष्ण, बगुला, गधा, तृण, कौआ, दुष्ट, एक राक्षस ।
खल = धतूरा, दुष्ट, दवा कूटने की खरल ।

'ग' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

गण = छंदशास्त्र के आठ गण, रुद्र के अनुचर, समूह, सेना ।
गति = मोक्ष, चाल, स्थिति ।
गायत्री = गायत्री देवी, दुर्गा देवी, सावित्री देवी, वैदिक छंद, गंगा नदी, पार्वती देवी ।
गुण = प्रत्यंचा, कौशल, विशेषता, रस्सी, स्वभाव ।
गुरु = बृहस्पति, बड़ा, दो मात्रावाला स्वर, शिक्षक, भारी, श्रेष्ठ ।
गो = सूर्य, बाण, सरस्वती, भूमि, आँख, बाल, बैल, स्वर्ग, गाय, माता, इंद्रिय ।

'घ' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

घना = हथौड़ा, बादल, कपूर, सघन, दाना, मोटा ।
घी = मनोवृत्ति, पुत्री, ज्ञान, बुद्धि ।

'फ', 'छ', 'ट' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

फल = ढाल, वृक्ष से प्राप्त होनेवाला खाद्य, संतान, मेवा, परिणाम, चर्म ।
छंद = पद्य-रचना ,अभिप्राय, नियमबद्, जल, एकांत, नियम, वेद, रंग ।
टीका = टिप्पणी, अभिषेक, आलोचना, तिलक, मस्तक का आभूषण ।

'च' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

चंद्र = सोना, नासिक वर्ण चिह्न (-), कपूर, साधु, मोर की पूँछ, चंद्रमा, जल ।
चश्मा = झरना, ऐनक ।
चारा = उपाय, घास ।

'ज' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

जंघाल = धावक, हरिण, दूत, विश्वामित्र के एक पुत्र का नाम ।
जगत् = शंकर, पनघट, टेक, संसार, वायु ।
जलज = मछली, शंख, कमल, चंद्रमा, सेवार, शैवाल, मोती ।
जलधर = समुद्र, बादल ।
जाल = छल, जाला, जानवरों को पकड़ने हेतु रस्सी की बुनावट, माया।
जीवन = पुत्र, आजीविका, गंगा, प्राण, जल ।
ज्येष्ठा = मध्यमा अंगुली, 18वाँ नक्षत्र, पति प्रिया, गंगा ।
ज्योत्स्ना = रात, चाँदनी, सौंफ ।

'त' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

तंत्र = उपाय, प्रबंध, औषधि, ख़ज़ाना, सिद्धांत, शासन ।
तत्त्व = परिणाम, सार, उद्देश्य, सूक्ष्मज्ञान, सत्य, धर्म ।
तम = राहू, तमाल वृक्ष, अज्ञान, तमोगुण, अंधकार, पाप ।
तरणि = नाव (तरणी), मदार का वृक्ष, सूर्य, किरण ।
तल = वन, महादेव, खंड, हथेली, स्वभाव, तला, नीचे ।
तारक = महादेव , राक्षस, नौका, तारा, हठयोग, आँख की पुतली, तारनेवाला, नाविक ।
तारा = बृहस्पति की पत्नी, आँख की पुतली, नक्षत्र, बलि की पत्नी ।
ताल = संगीत में ताल, जलाशय, ताड़वृक्ष ।
तीर = निकट, किनारा, बाण, सरोवर ।

'द' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

दंड = सेना, सज़ा, यमराज, डंडा, साठ पल की समय-अवधि ।
दक्षिण = चतुर, दक्षिण दिशा, सरल, अनुकूल, उदार ।
द्रव्य = धातु, घटक, पदार्थ, धन ।
द्वंद्व = जोड़, समास का प्रकार, कलह, रहस्य ।
द्विज = चंद्रमा, पक्षी, द्विजन्मा, ब्राह्मण, दाँत ।

'ध' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

धनंजय = एक वृक्ष, आग, विष्णु, अर्जुन, वायु
धन = पुश्रकसार, संपत्ति, मुक़ाबला, आवाज़, जोड़ (+), स्त्री ।
धर्म = रीति, स्वभाव, व्यवस्था, कर्म, कर्तव्य, यज्ञ, संप्रदाय, शुभ, न्याय, आचार ।
धातु = रक्त, अष्टधातु, रस, प्रकृति, स्वर्ग, सोना, वीर्य, ईश्वर, शब्द का मूलरूप ।
ध्रुव = नित्य, ध्रुवतारा, विष्णु, स्थिर, विष्णु भक्त ।

'न' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

नग = वृक्ष, नगीना, जड़, पहाड़, पदार्थ ।
नव = नया, नौ की संख्या ।
नाग = राँगा, पर्वत, एक जाति विशेष, हाथी, बादल, एक देश, साँप, नागरमोथा, वायु का एक भेद ।
निर्वाण = विश्राम, मृत्यु, शून्य, मोक्ष, संगम ।
निशाचर = प्रेत, राक्षस, चोर, उल्लू ।
नीलकंठ = नीले कंठवाला पक्षी विशेष, शंकर, मोर ।

'प' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

पंक = दलदल, कीचड़, पाप ।
पक्ष = वाद का एक रूप, पखवाड़ा, ओर, बल, पंख, दल ।
पट = स्थान, किवाड़, मुख्य, वस्त्र, यवनिका ।
पतंग = टिड्डी, गुड्डी, फतिंगा, सूर्य, पक्षी ।
पत्र = चिट्ठी, पत्ता, पंख ।
पद = विभक्तियुक्त शब्द, चिह्न, किसी छंद का चतुर्थांश, पाँव, स्थान ।
पद्म = सर्प विशेष, संख्या विशेष, कमल, श्रीराम ।
पय = अन्न, पानी, आहार, शक्ति, दूध, वीर्य ।
पान = पत्ता, पीना, तंबाकू ।
पानी = चमक, जल, इज़्ज़त ।
पिंड = जीविका, पितरों के लिए देय, शरीर, गोल ।
पुष्कर = सर्प, मद, सूर्य, पुष्कर तीर्थ, हाथी की सूंड का अग्र भाग, बाण, युद्ध, कमल, आकाश, तालाब ।
पृष्ठ = पन्ना, पीठ, पीछे का भाग ।
प्रकृति = मित्र, ख़ज़ाना, स्वामी, स्वामी, स्त्री, धर्म, राज्य, माया, माता, जन्म, स्वभाव, मूलतत्त्व, मूल शब्द, माया ।
प्रत्यय = निश्चय, ज्ञान, कारण, विश्वास, शब्द के बाद में जुड़नेवाला शब्दांश ।
प्रभाव = दबाव, महिमा, असर, सामर्थ्य ।
प्रसव = फल, जन्म, फूल ।
प्राण = ब्रह्मा, जीव, प्राण वायु, ईश्वर ।

'ब' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

बंसी = कृष्णादि के चरण-चिह्न, मछली फँसाने का काँटा, बाँसुरी, विष्णु ।
ब्याज = बहाना, सूद, छल ।

'म' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

मतंग = हाथी, ऋषि ।
मधु = शक्कर, बसंत ऋतु, मुलेठी, शराब, जल, दूध, शहद, एक दैत्य, पराग ।
महावीर = शक्तिशाली, हनुमान, जैन तीर्थंकर ।
माधव = वैशाख मास, महुआ, वसंत ऋतु, कृष्ण, विष्णु ।
मान = पैमाना, इज़्ज़त, क्रोध, अभिमान, नाप-तौल ।
मित्र = सहयोगी, सूर्य, दोस्त, प्रिय ।

'र' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

रश्मि = घोड़े की लगाम, किरण, डोरी ।
रस = पारा, अर्क, काव्य के नौ रस, प्रेम, तत्त्व, भोजन के छह रस, आनंद, मेल, स्वाद ।
रसिका = श्रीखंड, जीभ, करधनी, प्रेमिका ।

'र' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

रश्मि = घोड़े की लगाम, किरण, डोरी ।
रस = पारा, अर्क, काव्य के नौ रस, प्रेम, तत्त्व, भोजन के छह रस, आनंद, मेल, स्वाद ।
रसिका = श्रीखंड, जीभ, करधनी, प्रेमिका ।

'ल' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

लक्ष्य = उद्देश्य, निशाना ।
लगन = धुन, मुहूर्त, लौ, प्रेम ।

'व' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

व्रज्या = रंगभूमि, पगडंडी, भिक्षाटन, आक्रमण, श्रेणी, तपस्या, यात्रा ।
वर = आशीर्वाद, वरदान, दूल्हा, श्रेष्ठ ।
वर्ण = पोशाक, ध्वनि, आवरण, समूह, अक्षर, प्रशंसा, जाति, सोना, रंग ।
वर्तमान = समय, विद्यमान, प्रचलित ।
वर्ष = पृथ्वी का एक खंड, संवत्, साल, दृष्टि ।
विक्रांत = सिंह, विजेता, कदम, चलने का ढंग, गोमेद, वीर ।
विग्रह = शरीर, देवता की मूर्ति, लड़ाई ।

'श' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

शंकु = भाला, खूँटा, हुक, कील, बाणाग्र ।
शकल = छिल, भाग, आकृति, चिह्न ।
शिलीमुख = बाण, मूर्ख, भौंरा ।
शिव = मंगल, शंकर, शुभ ।
शुद्ध = जिसमें मिलावट न हो, पवित्र, ठीक ।
शेष = सीमा, अंत, बचा हुआ, सर्प ।

'श्री' व 'क्ष' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

श्री = कुंकुम, लक्ष्मी, वाणी, शोभा, संपदा ।
श्रुति = कान, सुनना, वेद, वाद ।
क्षमा = रात्रि, सहिष्णुता, दुर्गा, पृथ्वी, दया ।
क्षेत्र = गृह, शरीर, नगर, खेत, स्त्री ।

'स' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

सर = पराजित, तालाब, सिर, चोटी, चिता ।
सारंग = सिंह, बादल, हाथी, चातक, कोयल, मोर, हरिण, भौंरा, वृक्ष, पानी, एक राग, कामदेव, वस्त्र, समुद्र आदि, आभूषण, बाल, चंदन, शोभा, शिव, धनुष, पुष्प, आकाश, प्रकाश, शंक, पृथ्वी, चंद्रमा, सर्प ।
सैंधव = नमक का प्रकार, घोड़ा
सोम = स्वर्ग, सोमवार, जल, कुबेर, अमृत, वायु, यम, चंद्रमा ।

'ह' से शुरू होने वाले अनेकार्थी शब्द (Anekarthi Shabd)

हंस = घोड़ा, सूर्य, योगी, सफ़ेद, मराल, जीवात्मा ।
हरकत = नटखटपन, चेष्टा, गति ।
हरि = वायु, सूर्य, मेंढ़क, पर्वत, घोड़ा, बंदर, यमराज, सर्प, चंद्रमा, किरण, विष्णु, कोयला, सिंह ।
हलधर = किसान, बलराम, बैल ।
हस्ती = अस्तित्व, हाथी ।
हीन = निकृष्ट, दीन, रहित ।
हेम = स्वर्ण, केसर, इज़्ज़त, पीला रंग, नाग, बर्फ़ ।

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