SBI PO Quantitative Aptitude Tips: तैयारी आसान बनाने वाली बेस्ट स्ट्रेटेजी

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SBI PO Quantitative Aptitude

Table Of Content

SBI PO में Quant का महत्व

 SBI PO परीक्षा देश की सबसे लोकप्रिय बैंकिंग परीक्षाओं में से एक है। लाखों छात्र हर साल इस परीक्षा में बैठते हैं लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो हर सेक्शन पर बराबर मेहनत करते हैं। इनमें से SBI PO Quantitative Aptitude SBI PO परीक्षा का सबसे निर्णायक और scoring section माना जाता है क्योंकि यह आपकी संख्याओं के साथ काम करने की क्षमता, कैलकुलेशन स्पीड और लॉजिकल सोच की परीक्षा लेता है। अगर आप इस सेक्शन में अच्छा स्कोर करते हैं तो आपकी कुल रैंकिंग काफी ऊपर चली जाती है और सिलेक्शन आसान हो जाता है।

कितने नंबर का आता है और सिलेक्शन में भूमिका

 क्वांट सेक्शन प्रीलिम्स और मेन्स दोनों में आता है। प्रीलिम्स में यह 35 प्रश्न और 35 अंक का होता है, जिसमें सिर्फ़ 20 मिनट दिए जाते हैं। वहीं मेन्स में यही सेक्शन Data Analysis & Interpretation के रूप में पूछा जाता है, जिसमें 35 प्रश्नों के लिए 60 अंक और 45 मिनट मिलते हैं। इस तरह देखा जाए तो पूरे एग्ज़ाम में क्वांट अकेले ही एक बड़ा हिस्सा कवर करता है। बहुत से छात्रों का चयन इसी सेक्शन में अच्छा स्कोर करने से सुनिश्चित हो जाता है।

क्यों यह सेक्शन चुनौतीपूर्ण लगता है

 अधिकांश छात्रों को यह सेक्शन कठिन लगता है क्योंकि इसमें तेज़ कैलकुलेशन, सही फॉर्मूलों की पकड़ और निरंतर प्रैक्टिस की ज़रूरत होती है। समय की कमी और सवालों की जटिलता इसे और चुनौतीपूर्ण बना देती है। खासकर Data Interpretation(DI) में ज्यादा समय लगने से कई छात्र बाकी सवाल छोड़ देते हैं। लेकिन अगर बेसिक मजबूत हों और अभ्यास लगातार किया जाए तो यही सेक्शन सबसे ज्यादा स्कोरिंग बन सकता है।

SBI PO Quantitative Aptitude का पैटर्न समझें

प्रीलिम्स/मेन्स में अलग वेटेज

 नवीनतम आधिकारिक नोटिफिकेशन (2025) के अनुसार प्रीलिम्स में 3 सेक्शन हैं और हर सेक्शन का समय 20 मिनट फिक्स है: English 40 Q, Quant 30 Q, Reasoning 30 Q। कुल 100 प्रश्न, 60 मिनट, नेगेटिव मार्किंग 1/4। मेन्स में क्वांट Data Analysis & Interpretation (DA&I) के रूप में आता है: 30 प्रश्न, 60 अंक, 45 मिनट। मेन्स का ऑब्जेक्टिव पेपर 170 प्रश्न, 200 अंक, 3 घंटे का होता है, उसके बाद 50 अंकों का डिस्क्रिप्टिव टेस्ट। यह सब SBI की आधिकारिक पीडीएफ में साफ लिखा है।

टॉपिक-वाइज डिस्ट्रीब्यूशन (किस पर फोकस रहे)

 प्रीलिम्स क्वांट में आम तौर पर ये थीम्स मिलती हैं: Simplification/Approximation, Number Series, Quadratic Equations, Arithmetic (Percentages, Ratio, Average, P&L, SI-CI, TSD, Time & Work) और हल्की-फुल्की DI। मेन्स के DA&I में फोकस टेबल, बार/लाइन ग्राफ, पाई-चार्ट, केसलेट DI, डेटा सफ़िशिएंसी और गहन Arithmetic-आधारित DI पर रहता है। यह टॉपिक-लिस्ट मानक सिलेबस रेफरेंसेज़ से कंसिस्टेंट है।

टाइम मैनेजमेंट की जरूरत

 प्रीलिम्स क्वांट में 20 मिनट में 30 सवाल—औसतन करीब 40 सेकंड/प्रश्न—इसलिए पहले स्कोरिंग हिस्से (Simplification/Series/Quadratic) उठाएँ, फिर आसान Arithmetic। मेन्स DA&I में 45 मिनट में 30 सवाल—लगभग 90 सेकंड/प्रश्न—लेकिन DI सेट पढ़ने और तालिका समझने का समय अलग से लगता है, इसलिए सेट चुनना सबसे महत्वपूर्ण है। दोनों चरणों में 1/4 नेगेटिव मार्किंग है, इसलिए अनुमान से भरने के बजाय कन्फिडेंस-बेस्ड अटेम्प्ट रखें।

बेसिक कंसेप्ट्स को मजबूत बनाना

गणित की नींव (Tables, Squares, Cubes, Percentage, Ratio, LCM-HCF आदि)

 क्वांट की तैयारी में सबसे ज़रूरी है कि आपकी बेसिक नींव मज़बूत हो। अगर टेबल्स (1–20), स्क्वेयर (1–30) और क्यूब्स (1–20) याद नहीं हैं तो कैलकुलेशन में बहुत समय बर्बाद होगा। इसके साथ-साथ प्रतिशत और भिन्न के कन्वर्ज़न (जैसे 1/3 = 33.33%) और Ratio, LCM-HCF जैसे बेसिक टॉपिक्स आपको लगभग हर सवाल में मदद करेंगे। ये नींव मज़बूत होगी तो DI और Arithmetic दोनों में आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

बेसिक फॉर्मूलों की लिस्ट

 क्वांट के सवाल जल्दी हल करने के लिए फॉर्मूलों पर पकड़ बहुत ज़रूरी है। जैसे –

1. Simple Interest (SI) & Compound Interest (CI)

(a) Simple Interest (साधारण ब्याज)

  • SI = (P × R × T) / 100
  • Amount (A) = P + SI

जहाँ
P = Principal (मूलधन)
R = Rate (% प्रति वर्ष)
T = Time (वर्ष में)

(b) Compound Interest (चक्रवृद्धि ब्याज)

  • Amount (A) = P (1 + R/100)ᵀ
  • CI = A − P

अगर समय 6 महीने हो:

  • A = P (1 + R/200)ᵀ

2. Time & Work (समय और काम)

  • Work = Man × Days
  • 1 Day Work = 1 / Total Days
  • Efficiency ∝ 1 / Time

Important Results

  • A का समय = x दिन
  • B का समय = y दिन

👉 A + B का समय = (x × y) / (x + y)

  • Work Done = Rate × Time

3️⃣ TSD (Time, Speed, Distance)

  • Speed = Distance / Time
  • Distance = Speed × Time
  • Time = Distance / Speed

Unit Conversion

  • 1 km/hr = 5/18 m/sec
  • 1 m/sec = 18/5 km/hr

Average Speed

  • Average Speed = Total Distance / Total Time

अगर दूरी बराबर हो:

  • Avg Speed = (2ab) / (a + b)

4️⃣ Mensuration (Area & Volume के स्टैंडर्ड फॉर्मूले)

🔹 2D (Area)

Square (वर्ग)

  • Area = a²
  • Perimeter = 4a

Rectangle (आयत)

  • Area = l × b
  • Perimeter = 2(l + b)

Triangle (त्रिभुज)

  • Area = ½ × b × h

Circle (वृत्त)

  • Area = πr²
  • Circumference = 2πr

🔹 3D (Volume & Surface Area)

Cube (घन)

  • Volume = a³
  • TSA = 6a²

Cuboid (घनाभ)

  • Volume = l × b × h
  • TSA = 2(lb + bh + hl)

Cylinder (बेलन)

  • Volume = πr²h
  • CSA = 2πrh

Cone (शंकु)

  • Volume = ⅓πr²h
  • Slant Height = √(r² + h²)

Sphere (गोला)

  • Surface Area = 4πr²
  • Volume = 4/3 πr³

शॉर्टकट और ट्रिक्स का महत्व

 आज के कम्पटीशन में सिर्फ़ फॉर्मूले जानना काफी नहीं है, स्पीड भी उतनी ही जरूरी है। Vedic Math की ट्रिक्स (जैसे 999 से गुणा, स्क्वेयर जल्दी निकालना) कैलकुलेशन तेज़ कर देती हैं। Approximation और Estimation के सही इस्तेमाल से आप कठिन सवालों का उत्तर अनुमानित समय में निकाल सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, शॉर्टकट्स का इस्तेमाल तभी करें जब बेसिक साफ़ हो, वरना गलतियाँ बढ़ सकती हैं।

यह भी पढ़ें : KVS तैयारी कैसे शुरू करें? शुरुआती छात्रों के लिए आसान स्टेप-बाय-स्टेप गाइड और पक्का तरीका

महत्वपूर्ण टॉपिक्स पर फोकस करें

Arithmetic (Profit-Loss, SI-CI, Percentage, Average)

 Arithmetic सेक्शन हर साल क्वांट का सबसे बड़ा हिस्सा रहता है। इसमें Profit & Loss, Simple और Compound Interest, Percentage और Average से अक्सर सवाल आते हैं। ये टॉपिक्स न केवल सीधे-सीधे पूछे जाते हैं बल्कि Data Interpretation (DI) के सवालों में भी बार-बार उपयोग होते हैं। उदाहरण के लिए, Percentage और Ratio पर पकड़ मज़बूत होगी तो आप DI का आधा पेपर आसानी से हल कर लेंगे।

Algebra (Simplification, Quadratic Equations)

 प्रीलिम्स में Algebra का रोल काफी अहम होता है। Simplification और Approximation से 5–7 प्रश्न सीधे पूछे जाते हैं। Quadratic Equations भी एक स्कोरिंग टॉपिक है क्योंकि सही प्रैक्टिस के साथ इन्हें 20–30 सेकंड में हल किया जा सकता है। इन टॉपिक्स पर पकड़ होने से आपका स्कोर जल्दी बढ़ता है और समय भी बचता है।

Data Interpretation (DI) (Table, Bar Graph, Pie Chart)

 मेन्स परीक्षा में DI सबसे ज्यादा अंक वाला सेक्शन है। इसमें टेबल-बेस्ड DI, बार ग्राफ, लाइन ग्राफ, पाई चार्ट और केसलेट आते हैं। DI को हल करने के लिए कैलकुलेशन स्पीड, Percentage और Ratio की गहरी समझ ज़रूरी है। DI समय लेने वाला है, लेकिन प्रैक्टिस के साथ यह स्कोरिंग बन जाता है।

Miscellaneous (Probability, Permutation-Combination)

 कई बार मेन्स में Probability और Permutation-Combination जैसे एडवांस टॉपिक्स से भी 1–2 सवाल आ जाते हैं। ये टॉपिक्स कठिन माने जाते हैं, लेकिन अगर बेसिक क्लियर हो और 20–25 सवाल प्रैक्टिस किए हों, तो ये भी आपके लिए बोनस स्कोर साबित हो सकते हैं।

स्पीड और एक्यूरेसी दोनों पर ध्यान दें

स्पीड बढ़ाने के तरीके (Mental Math, Approximation, Vedic Math)

 SBI PO परीक्षा में क्वांट का सबसे बड़ा चैलेंज होता है समय। प्रीलिम्स में आपको 20 मिनट में 30–35 प्रश्न हल करने होते हैं और मेन्स में DI जैसे लंबे सवाल आते हैं। इसलिए स्पीड पर काम करना ज़रूरी है। Mental Math यानी छोटे-छोटे कैलकुलेशन दिमाग में करने की आदत डालें। Approximation ट्रिक्स का सही इस्तेमाल करके बड़े सवालों को जल्दी हल किया जा सकता है। इसके अलावा Vedic Math के शॉर्टकट्स जैसे स्क्वेयर/क्यूब निकालना या गुणा करना आपको कई सेकंड बचा सकते हैं।

Accuracy कैसे बनाए रखें

 कई बार स्टूडेंट्स स्पीड के चक्कर में गलतियाँ कर बैठते हैं। SBI PO में Negative Marking होती है, इसलिए Accuracy बेहद महत्वपूर्ण है। Accuracy बनाए रखने के लिए सबसे पहले वही सवाल हल करें जिन पर आपको पूरा भरोसा है। अगर कोई सवाल मुश्किल लग रहा हो या लंबा हो, तो उसे छोड़कर आगे बढ़ें। एक सवाल गलत करने से जितना नुकसान होता है, उतना फायदा कई बार एक सही सवाल से भी नहीं हो पाता।

Guesswork के नुकसान और सही तरीका

 Guesswork यानी बिना सोचे-समझे अंदाज़ा लगाना सबसे बड़ी गलती है। SBI PO में हर गलत उत्तर पर 0.25 अंक की कटौती होती है। इसलिए केवल वही सवाल अटेम्प्ट करें जिनमें आप कम से कम 70–80% तक आश्वस्त हों। अगर कभी अंदाज़ा लगाना ही पड़े तो पहले दो विकल्प हटाकर शेष में से चुनना ज़्यादा सुरक्षित रहता है। इस तरह आप अपने अंक बचा सकते हैं और अनावश्यक निगेटिव मार्किंग से बच सकते हैं।

Data Interpretation (DI) में महारत हासिल करें

DI का वेटेज और पैटर्न

 SBI PO मेन्स परीक्षा में DI (Data Interpretation) सबसे ज्यादा वेटेज वाला सेक्शन है। इसमें 30–35 प्रश्न आते हैं और कुल 60 अंक मिलते हैं। यह सेक्शन मुख्य रूप से आपके डेटा समझने, एनालिसिस करने और तेजी से कैलकुलेशन करने की क्षमता को परखता है। DI में अक्सर टेबल, पाई-चार्ट, लाइन ग्राफ, बार ग्राफ और केसलेट के रूप में डेटा दिया जाता है। एक सवाल में कई उप-सवाल (sub-questions) होते हैं, इसलिए इसे हल करने के लिए बेसिक Arithmetic (Percentage, Ratio, Average) का मजबूत होना जरूरी है।

ग्राफ और चार्ट जल्दी समझने की ट्रिक्स

 DI में सबसे बड़ा चैलेंज होता है — डेटा को तेजी से पढ़ना और सही जानकारी निकालना। इसके लिए प्रैक्टिस के दौरान यह आदत डालें कि पहले पूरे चार्ट या ग्राफ को स्कैन करें और देखें कि उसमें किस प्रकार का डेटा है। उसके बाद ही सवालों पर ध्यान दें। इससे अनावश्यक समय बचेगा। Percentage और Ratio की शॉर्टकट ट्रिक्स का इस्तेमाल करने से ग्राफ़-आधारित सवाल जल्दी हल हो जाते हैं। साथ ही कैलकुलेशन में Approximation का सही प्रयोग करना सीखें।

प्रैक्टिस सेट्स और Mock Tests की अहमियत

 DI में महारत हासिल करने का एकमात्र तरीका है लगातार प्रैक्टिस। रोज़ाना कम से कम 2–3 DI सेट हल करने की आदत डालें। कोशिश करें कि प्रैक्टिस आसान से कठिन स्तर तक धीरे-धीरे बढ़ाएँ। मॉक टेस्ट देकर देखें कि DI में कौन से सवालों पर आपको ज्यादा समय लग रहा है। इसके बाद उन पर विशेष फोकस करें। जितनी ज्यादा प्रैक्टिस करेंगे, उतनी ही तेजी और Accuracy से आप DI के सवाल हल कर पाएंगे।

शॉर्टकट्स और ट्रिक्स अपनाएँ

टेबल, स्क्वेयर और क्यूब याद करने की तकनीक

 क्वांट में स्पीड बढ़ाने के लिए सबसे पहले ज़रूरी है कि आपको बेसिक वैल्यूज़ याद हों। जैसे 1 से 20 तक की टेबल्स, 1 से 30 तक के स्क्वेयर और 1 से 20 तक के क्यूब्स। इन्हें याद करने के लिए रोज़ सुबह 10–15 मिनट का रिवीजन करें। आप चाहें तो इन वैल्यूज़ की एक चार्ट बना कर पढ़ाई की जगह दीवार पर लगा सकते हैं। लगातार विज़ुअल देखने से यह जल्दी याद हो जाती हैं।

Percentage से Fraction Conversion

 कई बार सवाल हल करते समय प्रतिशत को Fraction में बदलना आसान होता है। उदाहरण के लिए:

  • 50% = 1/2
  • 25% = 1/4
  • 33.33% ≈ 1/3
  • 12.5% = 1/8
    अगर ये कन्वर्ज़न याद होंगे तो DI और Arithmetic के सवालों को आधे समय में हल किया जा सकता है। यही कारण है कि हर टॉपर इन कन्वर्ज़न को कंठस्थ करने की सलाह देता है।

फास्ट कैलकुलेशन मेथड्स (Vedic Math Basics)

 Vedic Math की कुछ बेसिक ट्रिक्स आपकी तैयारी को और मजबूत बना देती हैं। जैसे:

  • 999 या 1000 के आसपास की संख्या से गुणा करने की शॉर्टकट ट्रिक
  • दो अंकों का स्क्वेयर जल्दी निकालने का तरीका
  • बड़ी संख्याओं के जोड़-घटाव में कॉमन टर्म्स का इस्तेमाल
    इन ट्रिक्स से आप हर सवाल पर 10–15 सेकंड तक बचा सकते हैं, जो प्रीलिम्स में बहुत काम आता है।

मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस का महत्व

प्रैक्टिस पेपर्स और टेस्ट सीरीज़ क्यों ज़रूरी हैं

 क्वांट सेक्शन में अच्छा स्कोर करने का सबसे कारगर तरीका है लगातार अभ्यास। प्रैक्टिस पेपर्स और टेस्ट सीरीज़ आपको असली परीक्षा जैसा अनुभव देते हैं। इससे आप प्रश्नों के पैटर्न को पहचान पाते हैं और पता चलता है कि किस टॉपिक पर ज्यादा फोकस करना है। जितनी अधिक प्रैक्टिस करेंगे, उतना ही आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

टाइम लिमिट में पेपर सॉल्व करने की आदत डालना

 SBI PO प्रीलिम्स और मेन्स दोनों ही टाइम-बाउंड परीक्षाएँ हैं। इसलिए यह आदत डालना ज़रूरी है कि आप हमेशा समय सीमा के अंदर ही प्रश्न हल करें। जब भी प्रैक्टिस करें तो खुद टाइमर लगाकर 20 मिनट या 45 मिनट में पूरा क्वांट सेक्शन हल करने की कोशिश करें। इससे आपकी स्पीड और Accuracy दोनों में सुधार होगा।

मॉक टेस्ट के बाद Self-Analysis

 सिर्फ मॉक टेस्ट देना काफी नहीं है, बल्कि हर टेस्ट के बाद अपनी गलतियों का विश्लेषण करना भी जरूरी है। देखें कि किस टॉपिक पर सबसे ज्यादा गलतियाँ हो रही हैं, किन सवालों में समय ज्यादा लग रहा है और कहाँ Accuracy कम है। इन सबका नोट्स बनाकर अगली बार प्रैक्टिस के दौरान उन्हीं टॉपिक्स पर ज्यादा मेहनत करें। यही Self-Analysis आपको बाकी छात्रों से अलग बनाएगा।

टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी

आसान सवाल पहले, कठिन सवाल बाद में

 SBI PO परीक्षा में समय सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए हमेशा यह रणनीति अपनाएँ कि पहले आसान और स्कोरिंग सवाल हल करें। जैसे प्रीलिम्स में Simplification, Approximation, Number Series और छोटे Arithmetic सवाल पहले कर लें। इससे जल्दी अंक मिलेंगे और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। कठिन सवालों या लंबे DI सेट्स को बाद में रखें ताकि समय बर्बाद न हो।

प्रत्येक प्रश्न पर कितना समय देना चाहिए

 प्रीलिम्स में क्वांट सेक्शन के लिए केवल 20 मिनट मिलते हैं और लगभग 30–35 सवाल होते हैं। इसका मतलब है कि एक सवाल पर औसतन 35–40 सेकंड से ज्यादा नहीं देना चाहिए। वहीं मेन्स में 45 मिनट में 30 प्रश्न हल करने होते हैं यानी लगभग 90 सेकंड प्रति प्रश्न। लेकिन DI सेट्स में शुरुआत का समय सिर्फ डेटा समझने में ही चला जाता है, इसलिए जरूरी है कि सेट चुनने में समझदारी दिखाएँ।

Negative Marking से बचने की रणनीति

 SBI PO परीक्षा में 1/4 अंक की Negative Marking होती है। इसका मतलब है कि 4 गलत उत्तर देने पर 1 सही उत्तर का फायदा खत्म हो जाएगा। इसलिए अंदाज़ा लगाकर हर सवाल को अटेम्प्ट करने से बचें। बेहतर तरीका यह है कि पहले दो विकल्प हटाकर अगर आपको 70–80% भरोसा है तो ही उत्तर चुनें। इस तरह आप समय भी बचाएँगे और अनावश्यक अंक कटने से भी बचेंगे।

परीक्षा के दिन के लिए स्पेशल टिप्स

घबराहट को कंट्रोल करने के तरीके

 परीक्षा के दिन ज्यादातर छात्र नर्वस हो जाते हैं और घबराहट की वजह से आसान सवाल भी गलत कर बैठते हैं। इससे बचने के लिए गहरी साँस लें, पॉजिटिव सोच बनाए रखें और परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर को एक चैलेंज की तरह लें। खुद को यह याद दिलाएँ कि आपने तैयारी पूरी की है और आपको बस शांति से उसे एग्जाम हॉल में दिखाना है।

Paper Attempting Strategy (easy → moderate → tough)

 परीक्षा में हमेशा आसान सवालों से शुरुआत करें। जैसे प्रीलिम्स में Simplification, Number Series और छोटे Arithmetic प्रश्न पहले करें। उसके बाद मध्यम स्तर के सवाल करें और सबसे अंत में कठिन या लंबे सवाल (जैसे बड़े DI सेट या Probability)। यह तरीका आपके स्कोर को सुरक्षित रखता है और समय भी संतुलित करता है।

Last minute revision checklist

 एग्जाम से एक दिन पहले और उसी दिन सुबह सिर्फ़ छोटे-छोटे नोट्स या फॉर्मूले ही रिवाइज करें। बड़े टॉपिक या नया अध्याय छेड़ने की गलती न करें। परीक्षा से ठीक पहले अपनी टेबल्स, स्क्वेयर, क्यूब्स और प्रतिशत–भिन्न कन्वर्ज़न को दोहरा लें। यह सब आपकी कैलकुलेशन स्पीड को तेज़ रखेगा और आत्मविश्वास भी बढ़ाएगा।

किन गलतियों से बचना चाहिए

Guesswork करना

 SBI PO परीक्षा में बिना सोचे-समझे अंदाज़ा लगाकर उत्तर भरना सबसे बड़ी गलती है। क्योंकि हर गलत उत्तर पर 0.25 अंक की कटौती होती है। कई बार छात्र सोचते हैं कि ज्यादा सवाल Attempt करेंगे तो नंबर बढ़ेंगे, लेकिन अगर Accuracy कम हो गई तो फायदा उल्टा नुकसान में बदल जाता है। इसलिए हमेशा उन्हीं सवालों का उत्तर दें जिनमें आपको कम से कम 70–80% भरोसा है।

सिर्फ़ शॉर्टकट्स पर निर्भर रहना

 शॉर्टकट्स और ट्रिक्स क्वांट सेक्शन में मददगार होते हैं, लेकिन केवल उन पर निर्भर रहना भी गलत है। अगर आपकी बेसिक समझ मजबूत नहीं है तो मुश्किल सवालों में शॉर्टकट काम नहीं आएंगे। इसलिए पहले कॉन्सेप्ट्स क्लियर करें और फिर शॉर्टकट्स को प्रैक्टिस के लिए इस्तेमाल करें। यही बैलेंस आपको सही दिशा में ले जाएगा।

प्रैक्टिस और रिविज़न न करना

 कई छात्र शुरू में मेहनत करते हैं लेकिन बाद में लगातार प्रैक्टिस और रिविज़न छोड़ देते हैं। क्वांट ऐसा सेक्शन है जिसमें रोज़ाना अभ्यास करना बेहद ज़रूरी है, वरना स्पीड और Accuracy दोनों गिर जाते हैं। खासकर DI और Arithmetic टॉपिक्स को बार-बार दोहराना चाहिए। रिविज़न की कमी से वही सवाल भी कठिन लगने लगते हैं जो पहले आसान थे।

निष्कर्ष

निरंतर अभ्यास + सही रणनीति

 SBI PO में क्वांट सेक्शन को जीतने का सबसे बड़ा मंत्र है – नियमित अभ्यास और सही रणनीति। अगर आप रोज़ाना कम से कम 1–2 घंटे क्वांट के लिए निकालते हैं, मॉक टेस्ट देते हैं और अपनी गलतियों से सीखते हैं, तो धीरे-धीरे आपका स्कोर लगातार बेहतर होता जाएगा।

क्वांट को “डर” से “मज़ेदार” बनाने की सोच

 अक्सर छात्र क्वांट को बोझ या डर की तरह देखते हैं। लेकिन अगर आप इसे छोटे-छोटे टारगेट्स में बाँट लें, शॉर्टकट्स सीखें और रोज़ाना कैलकुलेशन की आदत डालें तो यह सेक्शन कठिन नहीं लगता। जब आपको लगेगा कि सवाल तेजी से हल हो रहे हैं, तब यह आपको मज़ेदार लगने लगेगा।

छोटे-छोटे स्टेप्स, बड़ा बदलाव

 क्वांट में सुधार अचानक नहीं आता। यह धीरे-धीरे रोज़ की प्रैक्टिस, फॉर्मूला रिवीजन और टाइम मैनेजमेंट से आता है। अगर आप हर दिन छोटे-छोटे कदम बढ़ाएँगे, तो एग्ज़ाम तक बड़ा बदलाव खुद महसूस करेंगे। यही छोटे प्रयास आपके लिए चयन की बड़ी सीढ़ी बनेंगे।

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